पार्ट- 2 : एक कदम विकास की ओर

20/01/2012 06:23

चाणक्‍य कहते हैं

दूसरो की गलतियों से सीखो, खुद के अनुभवों से सीखने में तुम्हारी उम्र कम पड़ जाएगी।

कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो, मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ? इसका क्या परिणाम होगा ? क्या मैं सफल रहूँगा?

भय को नजदीक न आने दो, अगर यह नजदीक आए तो इस पर हमला कर दो, वरना भय तुम्‍हारे साहस को मार डालेगा।

सुकरात कहते हैं


बस उन बातों को सुनने के लिए अपना समय खर्च करो, जिनको सुने से कहने एवं सुनने वाले का फायदा होता हो।

श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं
हर व्‍यक्‍ित के भीतर प्रेम कूट कूट भरा हुआ है, बस उसको जगाने की जरूरत है।

जेबीएम परिजन कहते हैं
हम सब में एक बिजनसमैन छुपा हुआ है, बस उससे अवगत होने की जरूरत है।

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